
सुखद : बदरीनाथ में बर्फ बारी ने तोड़ा चार दशक का रिकॉर्ड, बर्फ से लकदक हुई पहाड़ियां; हेमकुंड साहिब में माइनस में तापमान
- चार दशक बाद अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में लकदक हुई पहाड़ियां
बदरीनाथ में 40 वर्षों के बाद 14 अक्तूबर से पहले बर्फबारी हुई है। पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि इससे पहले 14 अक्तूबर 1984 को बदरीनाथ धाम में बर्फबारी हुई थी। उधर, हेमकुंड साहिब में मंगलवार को पारा पांच डिग्री से गिरकर माइनस तीन हो गया है। पहाड़ों में पिछले 40 वर्षों का ठंड का रिकार्ड तोड़ दिया है।
हेमकुंड में पिछले 24 घंटों से बर्फबारी जारी है। हेमकुंड में दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है तो वहीं बदरीनाथ की पहाड़ियां भी बर्फ से सफेद हो गई हैं। बदरीनाथ की पहाड़ियों में सोमवार को दोपहर बाद बर्फबारी शुरू हो गई थी लेकिन बदरीनाथ मंदिर व पूरे धाम में सांय छह बजे के बाद बर्फबारी शुरू हई जो सुबह 4 बजे तक जारी रही। इस बीच बदरीनाथ में लगभग एक इंच बर्फ जमी, लेकिन सुबह चार बजे के बाद बारिश होने से जमी बर्फ पिघल गई।
मंगलवार को दोपहर एक बजे से दो बजे तक बदरीनाथ में फिर से हल्की बर्फबारी हुई लेकिन उसके बाद फिर बसरात शुरू होने से यह बर्फ जम नहीं सकी।
हेमकुंड साहिब में सोमवार सांय साढ़े तीन बजे से शुरू हई बर्फबारी मंगलवार दिन भर जारी रही, हेमकुंड में दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं को दरबार साहब व पवित्र सरोवर तक आने जाने में परेशानी न हो इसे देखते हुए गुरूद्वारा ट्रस्ट ने मशीन की सहायता से हेमकुंड में मंगलवार को पूरे दिन बर्फ काटकर पैदल रास्ता बनाने का काम जारी रखा।
गोविन्दघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि मंगलवार को 70 से अधिक सिख यात्री अंतिम पड़ाव घांगरिया से हेमकुंड दर्शन के लिए गए हैं। अटलकोटी से हेमकुंड तक के 3 किमी के यात्रा मार्ग में आधा फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। वहीं घांगरिया में होटल व्यवसाय करने वाले लक्ष्मण चैहान ने बताया कि घांगरिया में 300 से अधिक सिख तीर्थ यात्री रुके हुए हैं जो मौसम खुलने पर बुधवार को हेमकुंड दर्शन के लिए जायेंगे।