उत्तराखंड में सरकारी संपत्ति नुकसान के लिए बना ये कानून, देखें धामी कैबिनेट मीटिंग के अहम फैसले
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा मौजूद रहे। इस बैठक में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। अब प्रदेश में सरकारी संपत्तियों के नुकसान करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों कैबिनेट की मुहर लगी है। कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव आवास एसएन पांडे ने दी।
कैबिनेट के फैसले
वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित विभाग के अधीन ही होंगे
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति दशमोत्तर की नवीन योजना की गाइड लाइन को मंजूरी
दंगों और अशांति मामलों में सार्वजानिक सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी
इसके लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा, कोर्ट की तरह ही कार्रवाई होगी
ये अध्यादेश है इसको कैबिनेट ने मंजूरी दी है अब राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
एनआईटी सुमाड़ी को निशुल्क जमीन देने को मंजूरी
उत्तराखंड आवास नीति संशोधन को मंजूरी
पीएम आवास योजना के तहत अब लाभर्थियों को डेढ़ लाख रुपए सरकार के द्वारा दिया जाएगा
गरीब लाभर्थियों को राहत देने के लिए हुआ ये फैसला
लाटरी के माध्यम से चयन होगा, अब 9 चरणों में पैसा बिल्डर को दिया जाएगा
अशासकीय विद्यालयों में भर्ती पर लगी रोक को हटाने के लिए बनाई गई समिति ही उच्च और माध्यमिक मामलों को देखेंगी
फॅमिली कोर्ट में चाइल्ड और जनरल कॉउंसलर के एक-एक पद 4 फॅमिली कोर्ट में बढ़ेंगे
जोशीमठ डेंजर जॉन घोषित लेकिन कहां जाएं स्थानीय लोग?
सीमांत जनपद चमोली के बदरीनाथ के मुख्य पड़ाव जोशीमठ में लगातार धसाव हो रहा है जिसको लेकर आपदा सचिव ने जोशीमठ में मीटिंग की और 1200 घरों को डेंजर जोन में होने की घोषणा की है, इसको बाद बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने सरकार की इस नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपदा सचिव ने तो 1200 लोगों को डेंजर जोन में होने की घोषणा कर दी, लेकिन वे लोग कहां जाएंगे और उनको कहां विस्थापित किया जाएगा इसको लेकर के अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, उन्होंने सरकार से मांग की की जोशीमठ के लोगों को जोशीमठ के आसपास ही विस्थापित किया जाए,साथ ही भंडारी ने कहा कि जोशीमठ के साथ साथ साथ चमोली मुख्यालय को भी खतरा है , उन्होनें कहा कि सरकार सिर्फ जल विद्युत कंपनी को बचा रही है जनता से उनका कोई सरोकार नही, वही जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि सरकार से उनकी 11 बिंदुओं पर बातचीत पर सहमति बन गई थी लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, साथ उन्होंने कहा कि सरकार जो डेंजर जोन के लोगों को बसाने के लिए जमीन चिन्हित कर रही है वह जोशीमठ से काफी दूर है, जिस से स्थानीय लोग संतुष्ट नही है।