सशक्त पंचायतें ग्रामीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक, संविधान के इस संशोधन पर हुआ मंथन
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में आगामी कुछ माह बाद निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। सभी निकाय और पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किये जा चुके हैं। इसी बीच विगत 13 दिसंबर 2023 को पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज जी की अध्यक्षता में संविधान के 73वें संशोधन से संबंधित 29 विषयों के विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई।
उत्तराखंड के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायतों को सशक्त करने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराया तथा विभागीय अधिकारियों का आह्वान किया गया कि सशक्त पंचायतें ग्रामीण विकास के लिए अत्यंत आवश्य है अतः ग्राम पंचायत स्तर पर किए जाने वाले समस्त विकास कार्यों को पंचायती राज संस्थाओं की जानकारी में लाना अत्यंत आवश्यक है।
संदर्भ में विभागीय रोड मैप प्रस्तुत करें। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान हैदराबाद से आये विशेषज्ञों द्वारा अन्य राज्यों के उदाहरण दिए गए जहां पर पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण से विकास की गति को तीव्र किया जा रहा है।
इसी क्रम में छह राज्यों का अध्ययन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास में पंचायती राज संस्थान द्वारा किया जा रहा है विभागीय सचिव श्री हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा अधिकारियों का स्वागत करते हुए पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संविधान में निर्देशित कदम उठाए जाने का आह्वान किया।
साथ ही उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 में जिन विषयों के संबंध में पंचायत को जिम्मेदारी दी गई है उनके संदर्भ में विभागों द्वारा एक्टिविटी मैपिंग करने का भी अनुरोध किया गया। मंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं के सुदृणीकरण की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सभी अधिकारियों से अपील की कि निश्चित समय अवधि में जो सूचनाओं पंचायती राज विभाग द्वारा चाही गई है उनको उपलब्ध करा दें जिससे कि आगे की का रोड मैप तैयार किया जा सके।
बैठक में निधि यादव निदेशक पंचायतीराज ने पंचायतों में गठित स्थाई समितियों की मजबूती, ग्राम पंचायत विकास योजना में रेखीय विभागों की भागीदारी पर बल दिया।