एसडीआरएफ और एनडीआरएफ देगा विशेष प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन विभाग के कार्मिक भी बनेंगे फर्स्ट रिस्पांडर: विनोद
सचिव विनोद कुमार सुमन ने इंडक्शन प्रोग्राम में दी जानकारी
देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए), उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) तथा यू-प्रिपेयर परियोजना के अंतर्गत कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी को आपदा प्रबंधन का समग्र प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के माध्यम से सभी कार्मिकों को फस्र्ट रिस्पांडर के रूप में तैयार किया जाएगा, ताकि आपदा की किसी भी स्थिति में प्रारंभिक स्तर पर त्वरित, प्रभावी और सुरक्षित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने विगत सोमवार को यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर परियोजना में नव-नियुक्त कर्मचारियों के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य में यह आवश्यक है कि विभाग के प्रत्येक कार्मिक के पास आपदा के समय जीवन रक्षक बुनियादी कौशल हों, ताकि वे न केवल स्वयं सुरक्षित रहें, बल्कि आम जनमानस की सहायता भी कर सकें।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को बुनियादी खोज एवं बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू), भार उठाना एवं स्थिर करना, प्रारंभिक जीवन सहायता (फस्र्ट एड), सीपीआर, घायलों को सुरक्षित तरीके से उठाना एवं स्थानांतरित करना, रस्सी आधारित बचाव तकनीक (रोप रेस्क्यू) सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही केमिकल, रेडियोलॉजिकल, बायोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपात स्थितियों से निपटने के उपायों की भी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

साथ ही भूकम्प, भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना, हीट वेव तथा कोल्ड वेव जैसी आपदाओं के दौरान किस प्रकार एक फस्र्ट रिस्पांडर के रूप में त्वरित प्रतिक्रिया दी जाए, सुरक्षित निकासी कराई जाए और प्रारंभिक सहायता उपलब्ध कराई जाए, इस पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह संपूर्ण प्रशिक्षण एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ जैसी विशेषज्ञ एजेंसियों के माध्यम से कराया जाएगा।
अपर सचिव एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि इस पहल से आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागीय कार्मिकों की भूमिका केवल प्रशासनिक या तकनीकी सहयोग तक सीमित न रहकर, आपदा के समय सक्रिय फील्ड रिस्पॉन्स तक विस्तारित होगी।
प्रशिक्षित फस्र्ट रिस्पांडर के रूप में कार्मिक घटनास्थल पर पहुंचकर शुरुआती गोल्डन ऑवर में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकेंगे, जिससे जनहानि और क्षति को न्यूनतम करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे राज्य की समग्र आपदा प्रतिक्रिया क्षमता और संस्थागत मजबूती में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इस अवसर पर अपर सचिव आनंद स्वरूप, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, यूप्रिपेयर के एसके बिरला आदि मौजूद थे।
SDRF and NDRF will provide special training, and personnel from the Disaster Management Department will also become first responders: Vinod
आपदा प्रबंधन विभाग के कार्य क्षेत्र से रूबरू हुए कर्मचारी
देहरादून। इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यक्षेत्र, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों (डीईओसी) की संरचना, भूमिका और कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी गई। सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने कर्मचारियों को लगन, निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने कार्य एवं जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने और उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कंफर्ट जोन से बाहर निकलना आवश्यक है।
