
- ऋषिकेश और हरिद्वार के औषधि विक्रेताओं पर एफडीए की ताबड़तोड़ छापेमारी, यहां मिली गंभीर अनियमितताएं
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन को मिली गंभीर अनियमितताएं
हरिद्वार की पांच फर्मों के लाइसेंस होंगे निरस्त, दो फर्मों की दवा बिक्री पर लगाई रोक
देहरादून, ब्यूर। प्रदेश सरकार नकली और सब स्टेंडर्ड दवाओं की खरीद और बिक्री करने वाली कंपनियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत गुरुवार को खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की क्विक रिस्पांस टीमों ने ऋषिकेश और हरिद्वार के नौ औषधि विक्रेता फर्मों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को कई औषधि विक्रेताओं के यहां गंभीर अनियमितताएं मिली।
FDA conducts raids on drug sellers in Rishikesh and Haridwar; serious irregularities found here
इस आधार पर एफडीए ने चार जन औषधि केंद्रों और एक अन्य औषधि विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी और इनके लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की है। इसके अलावा दो अन्य प्रतिष्ठानों पर दवा की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने प्रदेश में नकली दवाओं पर रोक लगाने के लिए क्विक रिस्पांस टीमों का गठन किया है। यह टीमें लगातार प्रदेश में छापेमारी कर रही हैं। क्विक रिस्पांस टीम ने गुरुवार को ऋषिकेश क्षेत्र और हरिद्वार में 9 औषधि विक्रेता फर्मों का औचक निरीक्षण किया।
गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर ज्वालापुर एवं कनखल के 4 जन औषधि केंदों एवं एक अन्य औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों के क्रय -विक्रय पर रोक लगाते हुए उनको निर्गत लाइसेंसों को टीम द्वारा निरस्त करने की संस्तुति की गई।
इसके अलावा ऋषिकेश क्षेत्रांतर्गत नेपाली फार्म एवं आसपास स्थित औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों में अनियमितताएं पाए जाने पर 2 फर्मों में औषधियों के क्रय विक्रय पर रोक लगाने का आदेश देते हुए मौके पर बंद कराया गया एवं पाई गई कमियों के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण तलब किया गया।
क्विक रिस्पांस टीम में डॉक्टर सुधीर कुमार सहायक औषधि नियंत्रक, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनिता भारती, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, विनोद जगुड़ी, हरीश सिंह, निधि रतूड़ी काला, मेघा शामिल थे।