कावड़ियों की सकुशल वापसी: बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भटके 21 कावड़ियों को SDRF टीम ने किया रेस्क्यू
देहरादून, ब्यूरो। विगत 28 जुलाई की शाम को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में 21 कावड़ियों का एक समूह गंगोत्री से लौटते समय रास्ता भटक गया । कंट्रोल रूम जनपद टिहरी ने समय 21:09 बजे इस बारे में सूचना दी, जिसे तत्काल SDRF UTTARAKHAND पुलिस के साथ साझा किया गया।
SDRF सब इंस्पेक्टर दीपक जोशी, बूढ़ाकेदार, ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना पहले से मिल गई थी और वे अपनी टीम के साथ मौके पर रवाना हो चुके थे। इस बचाव अभियान में बूढ़ा केदार क्षेत्र में कमांडेंट SDRF श्री मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर भारी बारिश की दृष्टिगत पूर्व से ही तैनात एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम ने सभी 21 कावड़ियों को भारी बारिश के बीच दुर्गम पहाड़ी मार्ग एवं उफनती नदी के किनारे से सुरक्षित बाहर निकाला।
बूढ़ाकेदार इलाके में अंधेरे में रास्ता भटक गए थे 21 कांवड़िए, ऐसे सभी को किया गया देर रात रेस्क्यू
कावड़ियों का यह समूह, जिसमें 21 लोग शामिल थे, बूढ़ाकेदार से करीब 03 किलोमीटर दूर झाला नामक स्थान पर फंसा हुआ था। इलाके में सड़कों की हालत खराब होने के कारण SDRF टीम पैदल ही उस स्थान तक पहुंची।
29 जुलाई की सुबह 6:12 बजे, SDRF टीम प्रभारी सब इंस्पेक्टर दीपक जोशी ने जानकारी दी कि सभी 21 कावड़ियों को सुरक्षित रूप से बचा लिया गया है। इन कावड़ियों में शामिल थे:
- आकाश कुमार, पुत्र तालेवर सिंह
- सोनू, पुत्र हंसराज सिंह
- सुमित कुमार, पुत्र जयदेव सिंह
- आकाश कुमार, पुत्र रोहतास सिंह
- मोहित कुमार, पुत्र उदल सिंह
- सचिन कुमार, पुत्र टीकम सिंह
- संजय कुमार, पुत्र हरपाल सिंह
- सौरव कुमार, पुत्र कलवा सिंह
- महेंद्र कुमार, पुत्र हुकम सिंह
- परवेंद्र, पुत्र खूबी सिंह
- बबलू कुमार, पुत्र प्रेम सिंह
- सुनील कुमार, पुत्र गोविंदा
- अमित कुमार गुप्ता, पुत्र शिवदत्त गुप्ता
- सुशील कुमार, पुत्र गोविंद सिंह
- विक्रम सिंह, पुत्र हरपाल कुमार
- मनीष, पुत्र राजेश
- ललित कुमार, पुत्र वीरेंद्र सिंह
- सुभाष, पुत्र कुररी सिंह
- आशीष, पुत्र सुरेंद्र कुमार
- भूपेंद्र, पुत्र रमेश चंद्र
- राजू, पुत्र डालचंद्र
सभी कावड़ियों को बूढ़ाकेदार बस स्टैंड पर पहुंचाया गया, जहां उनके लिए खाने और रहने की व्यवस्था की गई है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कांवड़ियों के समूह द्वारा इंस्पेक्टर दीपक जोशी और SDRF टीम के सदस्यों की तत्परता और समर्पण की सराहना की गई। सभी कावड़िए सकुशल और सुरक्षित हैं।